RBI कब SGB वापस खरीदेगा?
आरबीआई ने सितंबर 2024 से मार्च 2025 तक एक कैलेंडर की घोषणा की है। इसमें उन बॉन्ड को वापस खरीदने के लिए कहा गया है जिन्होंने पांच साल पूरे कर लिए हैं। अगर निवेशक चाहते हैं तो उन्हें इसे जल्दी वापस लेने का विकल्प मिलता है। इस बॉन्ड की शर्तों के अनुसार, SGB की मैच्योरिटी आठ साल है। इसमें बॉन्ड की अवधि पांच साल पार करने के बाद हर छह महीने में एक बार अर्ली रिडेम्पशन ऑप्शन उपलब्ध होता है।
वापस क्यों खरीद रहा है RBI?
केंद्रीय बैंक बॉन्ड जारी करते समय तय शर्तों के अनुसार इसे खरीद रहा है।
क्या बेचना जरूरी है?
नहीं, अर्ली रिडेम्पशन विंडो वॉलंटरी है और इन बॉन्ड को सौंपने के लिए कोई बाध्यता नहीं है।
क्या करें निवेशक?
चूंकि अर्ली रिडेम्पशन विंडो वॉलंटरी है। ऐसे में फाइनैंस एक्सपर्ट का मानना है कि निवेशकों को इन बॉन्ड को मैच्योरिटी तक रखना चाहिए। इसकी वजह ये है कि इसके कई फायदे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों को इन बॉन्ड से पैसा निकालकर शेयरों में लगाने के लालच से बचना चाहिए।
क्या निवेशकों ने पैसा कमाया है?
अब तक, इन बॉन्ड की चार किस्तें अपनी आठ साल की अवधि पूरी कर चुकी हैं। निवेशकों को इन किस्तों में औसत सालाना रिटर्न 10.94% मिला है। यह रिटर्न उन निवेशकों के लिए टैक्स फ्री है जो इन बॉन्ड को मैच्योरिटी तक बनाए रखते हैं। इसके अलावा निवेशकों को 2.5% सालाना की दर से ब्याज भी मिला है।
आगे क्या संभावना है?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली किस्त नवंबर 2015 में घोषित की गई थी। तब से कुल 67 किस्तें जारी की गई हैं। इनमें से आखिरी किस्त फरवरी 2024 में जारी की गई थी। अब तक, चालू वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार द्वारा एसजीबी की नई किस्तों की कोई घोषणा नहीं की गई है।