Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा, जम्मू-कश्मीर की स्थिति और सीमा पार से हो रही आतंकी गतिविधियों को लेकर विस्तार से बयान दिया। उन्होंने पाकिस्तान की ओर से जारी घुसपैठ और आतंकवाद की साजिशों का ज़िक्र करते हुए कहा कि बीते कुछ वर्षों में केंद्र सरकार की सख्त नीति और सुरक्षाबलों की कार्रवाई के चलते आतंकी घटनाओं में भारी कमी आई है।
घाटी में शांति की बहाली
गृहमंत्री ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में हिंसा में अभूतपूर्व गिरावट आई है। साल 2018 की तुलना में 2023 और 2024 में आतंकी घटनाएं लगभग 70 प्रतिशत तक कम हो गई हैं। अमित शाह ने कहा, “हमने सुरक्षा नीति को जीरो टॉलरेंस पर आधारित रखा है और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।"
पाकिस्तान की भूमिका पर सीधा हमला
अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन आज भी जारी है। "चाहे वह घुसपैठ हो या ड्रोन के ज़रिए हथियार और नशा भेजना — पाकिस्तान की मंशा अब भी भारत को अस्थिर करने की है।" लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि सुरक्षाबलों की सतर्कता और बेहतर खुफिया नेटवर्क की वजह से अब ऐसे प्रयासों को समय रहते नाकाम कर दिया जाता है।
घुसपैठ की घटनाओं में कमी
गृहमंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की घटनाएं अब पहले की तुलना में बहुत कम हो गई हैं। “साल 2019 में जहां घुसपैठ की 138 घटनाएं दर्ज की गई थीं, वहीं 2023 में यह घटकर 35 रह गईं,” शाह ने बताया। उन्होंने कहा कि इसके पीछे सीमा पर बने आधुनिक सुरक्षा ढांचे, नाइट विज़न कैमरे और बेहतर कोऑर्डिनेशन का अहम रोल है।
धारा 370 हटने के बाद बदलाव
गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आए बदलावों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि आज घाटी में न केवल सामान्य स्थिति बहाल हो रही है, बल्कि निवेश, पर्यटन और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में नई ऊर्जा देखी जा रही है।
"हमने आतंक के इको-सिस्टम को तोड़ा है, जिसमें अलगाववादी नेताओं, पत्थरबाज़ों और विदेशी फंडिंग की भूमिका थी," उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा।
सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि और सशक्त समर्थन
अमित शाह ने इस दौरान शहीद हुए सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश उनके बलिदान को नहीं भूलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आतंकियों के खिलाफ की गई ऑपरेशन्स में लगातार सफलता मिल रही है और सेना, CRPF, BSF और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय है। “आज सुरक्षा बलों को हर स्तर पर फ्री हैंड दिया गया है और उन्हें अत्याधुनिक हथियार और तकनीक से लैस किया जा रहा है,” उन्होंने बताया।
विपक्ष पर तंज
अमित शाह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर में शांति को मान्यता देने के बजाय बार-बार भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि "हमारा उद्देश्य केवल कानून व्यवस्था नहीं, बल्कि स्थायी समाधान की ओर बढ़ना है। जो लोग शांति में भी राजनीति देख रहे हैं, वे घाटी की नई पीढ़ी के साथ न्याय नहीं कर रहे।"
सीमा पर ड्रोन से खतरे का ज़िक्र
गृहमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में ड्रोन से हथियारों, विस्फोटकों और ड्रग्स की तस्करी के प्रयास तेज़ हुए हैं, लेकिन सरकार ने इसके लिए एक विशेष ‘एंटी-ड्रोन प्रोग्राम’ तैयार किया है। उन्होंने बताया कि सीमावर्ती जिलों में पुलिस और सेना को तकनीकी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि ड्रोन की गतिविधियों को तुरंत ट्रैक और न्यूट्रलाइज किया जा सके।
सरकार की प्रतिबद्धता
अमित शाह ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारत की सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगी। "हमारा लक्ष्य है कि जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त बने, और वहां का युवा भी देश की मुख्यधारा में गर्व से शामिल हो सके। यह सरकार सुरक्षा, विकास और विश्वास की नीति पर काम कर रही है," उन्होंने कहा। तो ये था संसद के मानसून सत्र से गृहमंत्री अमित शाह का सुरक्षा पर आधारित बड़ा बयान। पाकिस्तान की हर साज़िश को जवाब मिलेगा और देश की सीमा पहले से ज़्यादा सुरक्षित है - यह सरकार का दावा है।