Friday, May 16, 2025 02:28:49 PM

शेयर बाजार के सबसे बड़े गुरु, इनकी सलाह लेकर चेले
शेयर बाजार के सबसे बड़े गुरु, इनकी सलाह लेकर चेले भी बन गए करोड़पति, कितनी दौलत के मालिक?

रायपुर के छोटे से कस्बे से शुरुआत करने वाले रामदेव अग्रवाल ने अपनी मेहनत और बुद्धिमानी से 43,090 करोड़ रुपये के वित्तीय साम्राज्य की स्थापना की है।

शेयर बाजार के सबसे बड़े गुरु इनकी सलाह लेकर चेले भी बन गए करोड़पति कितनी दौलत के मालिक

उन्‍हें शेयर मार्केट में उस्‍तादों का उस्‍ताद माना जाता है। भारत के वॉरेन बफेट के नाम से मशहूर रामदेव अग्रवाल मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सह-संस्थापक हैं।

  • भारत के वॉरेन बफे के नाम से जाने जाते हैं रामदेव अग्रवाल
  • मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विसेज के सह-संस्‍थापक
  • रामदेव अग्रवाल ने बनाई है 15,939 करोड़ रुपये की संपत्ति

नई दिल्‍ली: राधाकिशन दमानी, विजय केडिया, आशीष कचोलिया...। इन सभी के साथ एक बात कॉमन है। ये शेयर मार्केट के उस्‍ताद हैं। इनमें एक और ऐसी शख्‍सीयत है जिसे गुरुओं का गुरु कहा जाता है। लोग उन्‍हें भारत के वॉरेन बफे के नाम से भी जानते हैं। वो कोई और नहीं, बल्कि रामदेव अग्रवाल हैं। आज शिक्षक दिवस है। ऐसे में शेयर मार्केट के सबसे बड़े गुरुओं में से एक रामदेव अग्रवाल के बारे में जानना बनता है। उनकी सलाह से न जानें उनके कितने चेले करोड़पति बन गए।
साधारण परिवार में हुआ जन्‍म
छत्तीसगढ़ के रायपुर के रामदेव अग्रवाल ने शेयर बाजार की दुनिया में अपनी मेहनत और लगन से 15,939 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है। एक साधारण परिवार में जन्मे अग्रवाल ने ICAI से चार्टर्ड अकाउंटेंसी की डिग्री हासिल की। वह मुंबई में अपने सपनों को पूरा करने निकल पड़े। 1987 में उन्होंने अपने दोस्त मोतीलाल ओसवाल के साथ मिलकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विसेज (MOFSL) की शुरुआत की। शुरुआत में एक सब-ब्रोकर के रूप में काम करते हुए उनके पास सिर्फ 10 लाख रुपये का पोर्टफोलियो था।
हर्षद मेहता घोटाले के दौरान अग्रवाल को भारी नुकसान हुआ। उनका 30 करोड़ रुपये का पोर्टफोलियो घटकर 10 करोड़ रुपये रह गया। मुश्किलों से घबराने की बजाय उन्होंने अपने आदर्श वॉरेन बफे से प्रेरणा ली। उनसे सीखने के लिए अमेरिका भी गए। इस दौरान उन्होंने अपने पोर्टफोलियो को 225 शेयरों से घटाकर सिर्फ 15 शेयरों तक सीमित कर दिया। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण फैसला साबित हुआ।
2000 तक पोर्टफोलियो बढ़कर 100 करोड़ का हो गया
साल 2000 तक अग्रवाल का पोर्टफोलियो बढ़कर 100 करोड़ रुपये हो गया, जिसने MOFSL को एक विशाल वित्तीय साम्राज्य बनाने की नींव रखी। रिसर्च और अनुशासित निवेश रणनीतियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने MOFSL को प्राइवेट इक्विटी, म्यूचुअल फंड जैसे क्षेत्रों में समूह के रूप में स्थापित किया। इसका बाजार पूंजीकरण 43,090 करोड़ रुपये है।
2024 तक रामदेव अग्रवाल की नेटवर्थ करीब 15,939 करोड़ रुपये हो गई है। अपनी पत्नी सुनीता अग्रवाल और बेटे वैभव अग्रवाल के साथ रामदेव अग्रवाल सीखने की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखते हैं। उनकी कहानी दृढ़ता, ज्ञान और अटूट दृढ़ संकल्प की शक्ति को दर्शाती है।

यह कहानी शेयर बाजार की दुनिया में सफलता और असफलता के उतार-चढ़ाव को दिखाती है। अग्रवाल की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणादायक और सीख है जो बड़े सपने देखते हैं। उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने को तैयार रहते हैं।


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