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डिजिटल क्रांति की दिशा में एक और बड़ा कदम

Bharatnet Phase 3: डिजिटल भारत की रफ्तार बढ़ी, 6 लाख गांव होंगे ऑनलाइन

इस योजना का उद्देश्य देश के 6 लाख से अधिक गांवों को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ना है। योजना के अंतर्गत ₹1.39 लाख करोड़ रुपये की लागत से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया जाएगा.

bharatnet phase 3 डिजिटल भारत की रफ्तार बढ़ी 6 लाख गांव होंगे ऑनलाइन

Bharatnet Phase 3 | Social Media

Bharatnet Phase 3: भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतनेट फेज‑3 योजना की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य देश के 6 लाख से अधिक गांवों को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ना है। योजना के अंतर्गत ₹1.39 लाख करोड़ रुपये की लागत से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया जाएगा, जिससे डिजिटल सेवाओं की पहुंच गांव-गांव तक सुनिश्चित हो सकेगी।

क्या है भारतनेट योजना?

भारतनेट (पूर्व नाम: राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क) एक केंद्र सरकार की परियोजना है, जिसका मकसद है भारत के सभी ग्राम पंचायतों को फाइबर-आधारित ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोड़ना। यह योजना डिजिटल समावेशन, ई-गवर्नेंस, ई-हेल्थ, ई-एजुकेशन, और डिजिटल भुगतान जैसी सेवाओं के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार को सक्षम बनाएगी।

फेज‑3 में क्या नया होगा?

भारतनेट फेज‑3 के तहत सरकार ने हाई-स्पीड इंटरनेट की पहुँच हर गांव तक सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। अब फाइबर बिछाने की गति औसतन 20,000 किमी प्रतिदिन होगी, जिससे 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इस चरण में एक एकीकृत प्लेटफॉर्म विकसित किया जा रहा है, जिससे निजी सेवा प्रदाता भी इस नेटवर्क का उपयोग कर सकें। यह नेटवर्क 5G और 6G के लिए तैयार होगा। साथ ही, स्थानीय युवाओं को ऑपरेशन और रखरखाव कार्यों में रोजगार देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी जाएगी।

ग्रामीण भारत को क्या फायदा होगा?

भारतनेट फेज‑3 के तहत हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलने से ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकती है। सबसे बड़ा लाभ डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में होगा, जहां ग्रामीण छात्र अब घर बैठे ऑनलाइन क्लासेज, वर्चुअल कोर्स और डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ उठा सकेंगे। ई-हेल्थ सेवाएं भी गांवों तक पहुंचेंगी- टेलीमेडिसिन, वीडियो कॉल से डॉक्टर परामर्श और डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड से इलाज में पारदर्शिता आएगी। डिजिटल बैंकिंग का लाभ यह होगा कि ग्रामीणों को अब बैंक ब्रांच जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। वे UPI, AEPS और नेट बैंकिंग के ज़रिए सीधे अपने खाते से लेनदेन कर सकेंगे। साथ ही, स्टार्टअप और स्वरोजगार के लिए भी अवसर बढ़ेंगे। डिजिटल प्लेटफॉर्म से ग्रामीण उत्पादों को ऑनलाइन बाज़ार मिलेगा, जिससे स्थानीय उद्यमियों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।

आंकड़ों की नजर से

  1. योजना का कुल बजट: 1.39 लाख करोड़
  2. लाभार्थी गांव: 6,00,000+
  3. ऑप्टिकल फाइबर कवरेज: लगभग 30 लाख किलोमीटर
  4. अनुमानित पूरा होने की अवधि: 3 वर्ष 

सरकार के दृष्टिकोण की बात करें तो केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “भारतनेट फेज‑3 केवल कनेक्टिविटी नहीं, बल्कि ग्राम स्वराज और डिजिटल अधिकारों को सशक्त करने की योजना है। यह गांवों को एक डिजिटल शक्ति केंद्र में बदल देगा।”

भारतनेट फेज‑3 योजना न केवल एक तकनीकी परियोजना है, बल्कि यह एक सामाजिक-आर्थिक क्रांति की नींव है। यह देश के ग्रामीण हिस्सों को डिजिटल इंडिया से जोड़कर उन्हें आधुनिक अवसरों के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी।
 

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