गाजियाबाद पुलिस ने बच्चे चुराने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। दो महिलाओं सहित चार आरोपी गिरफ्तार, नवजात को बेचने की डील में जुटे थे।
Uttar Pradesh News: गाजियाबाद में थाना ट्रोनिका सिटी पुलिस ने बच्चे चोरी करने वाले गैंग का खुलासा करते हुए दो महिलाओं सहित चार आरोपी गिरफ्तार किए हैं। जहां बीते 4 अगस्त को वादी रशीद द्वारा थाना ट्रॉनिका सिटी पर अपने 1 वर्ष के बच्चे के अपहरण को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया था जिसके क्रम में पुलिस ने मैन्युअल इनपुट सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच करते हुए बच्चों को 4 घंटे के अंदर सकुशल बरामद कर उसके माता-पिता के सुपुर्द किया गया था।
वही अपहरण कर्ता इस दौरान बच्चों को छोड़कर फरार हो गए थे। जिन्हें पुलिस द्वारा अब मुखबिर की सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया है पुलिस ने अफसर अली उर्फ अल्फाज, नावेद, संध्या और स्वाति उर्फ शाइस्ता को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों द्वारा बताया गया है कि नावेद और अफसर ने मिलकर बच्चों का अपहरण किया और उसे बेचने का प्रयास किया. वही यह लोग अपने गैंग में महिलाओं को इसलिए रखते थे कि वह लोग बच्चे के मां-बाप लगे.
अपह्रत बच्चे को स्वाति उर्फ शाइस्ता ने अपनी दोस्त संध्या के माध्यम से और संध्या ने बच्चों के फोटो को अपने नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली बिजनौर मुरादाबाद रुड़की अमरोहा आदि में पार्टियों को भेज दिया फोटो को देखकर मुरादाबाद की एक पार्टी जो प्राइवेट नर्सिंग होम में नर्स के साथ ढाई लाख रुपए में नवजात बेचने की डील हुई लेकिन किसी वजह से वह डील नहीं हुई तो उसने अमरोहा की दूसरी पार्टी से बच्चों को डेढ़ लाख रुपए में बेचने की डील हुई। इतना ही नहीं इस गैंग में नवजात को एक कोडवर्ड नाम से बुलाया जाता था जिसका नाम इन्होंने प्लाट रखा हुआ था।
पुलिस जांच में सामने आया कि यह एक सक्रिय गैंग है जो अपने नेटवर्क के माध्यम से नवजात शिशुओं का अपहरण कराकर अपने नेटवर्क के माध्यम से अपने साथी पार्टी शिशुओं की फोटो भेज कर डील किया करता था। जांच में आरोपियों का नेटवर्क उत्तर प्रदेश सहित जम्मू कश्मीर और नेपाल में भी होना बताया जा रहा है इस गैंग में डॉक्टर नर्स और चैरिटी कार्यकर्ता भी शामिल रहते हैं जो अनचाहे गर्भधारण वाली युक्त को अपने बच्चे बचने के लिए राजी करते हैं तथा कुछ मामलों में बच्चे को जन्म देने वाली गरीब महिलाओं के बच्चे भी चुरा लिए जाते हैं फिर माता को बताया जाता है कि उनके बच्चे डिलिवरी के दौरान मर गए हैं.
जब महिलाएं अपने मृत्यु सूचियां को देखने की मांग करती है तो उन्हें चुप रहने के लिए पैसे भी दिए जाते हैं इस प्रकार मानव तस्करी करके कालाबाजारी कर काफी मोटी रकम इस गैंग के द्वारा अर्जित की जाती है। हालांकि पुलिस ने अब इस गैंग का खुलासा करते हुए दो महिलाओं सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अब पुलिस इस गैंग के अन्य सदस्यों तक भी जल्द पहुंचने की बात कह रही है.
वरिष्ठ पत्रकार: विवेक त्रिपाठी