मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव और अल्पसंख्यक विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद जलालुद्दीन ने आज मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि जिस तरह सीएम फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने मुंबई विस्फोट मामले में बरी हुए मुस्लिम आरोपियों के खिलाफ फैसले को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की है, उसी तरह उम्मीद है कि मालेगांव विस्फोट मामले में भी सरकार बरी हुई साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित व अन्य के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगी और फैसले को रद्द करने के लिए अपील करेगी।
सैयद जलालुद्दीन ने कहा कि मोदी सरकार का एजेंडा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का है और तभी यह जमीनी हकीकत बनेगा जब ऐसा होगा। अन्यथा कानून के क्रियान्वयनपर लोगों, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय में दोहरे मापदंड और भेदभाव की भावना पैदा होगी - मृतकों के उत्तराधिकारी, पीड़ित और न्यायप्रिय व धर्मनिरपेक्ष सोच रखने वाले लोग इस निर्णय से स्तब्ध हैं - उन्होंने कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। यहां नागरिक अपने-अपने धर्मों का पालन करते हैं और कई ऐसे भी हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते, अर्थात नागरिकों को धर्म के मामलों में पूरी स्वतंत्रता है, लेकिन सरकार का कोई धर्म नहीं होता और सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह सभी नागरिकों के धर्मों का सम्मान करे और किसी को किसी का अपमान न करने दे तथा समानता और बराबरी सुनिश्चित करे और अपने किसी भी कार्य से ऐसा कोई संदेश न दे जिससे यह संदेश जाए कि सरकार एक धर्म का समर्थन करती है और दूसरे धर्मों के लोगों के खिलाफ है या उनके साथ असमंजस की स्थिति में है।
इसलिए मालेगांव विस्फोट मामले में यह आवश्यक है कि फडणवीस सरकार तुरंत हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर निर्णय को निरस्त घोषित कराने की पहल करे और अदालत से अपील करे कि निर्णय पर न केवल तुरंत सुनवाई हो बल्कि उस पर तुरंत रोक भी लगाई जाए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन अगर सरकार एक मामले में इतनी चुस्त और दूसरे मामले में इतनी सुस्त होगी, तो लोगों के दिलों में दोहरे मापदंड की भावना पैदा होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में कांग्रेस पार्टी और खासकर उसकी मुंबई अध्यक्ष और सांसद वर्षा गायकवाड़ की राय भी उसी तरह सामने आनी चाहिए, जैसी मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले में आई थी। सैयद जलालुद्दीन ने आगे कहा कि हम राज्य स्तर पर सरकार का हिस्सा हैं, लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और संविधान की सर्वोच्चता में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे और उनसे मुलाकात भी करेंगे।
रिपोर्टर: धीरज गिरी