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ग्वालियर का लड्डू, अटल जी थे बड़े दीवाने

ग्वालियर की पहचान बन गया है बूंदी का यह लड्डू ग्वालियर क़े  बूँदी  के लड्डू के दीवाने थें  अटल बिहारी वाजपेई.....

ग्वालियर का बूंदी लड्डू अब शहर की पहचान बन गया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी इसके बड़े शौकीन थे। उनकी लोकप्रियता ऐसी थी कि पासपोर्ट टु पीएम के नाम से हुआ मशहुर

ग्वालियर की पहचान बन गया है बूंदी का यह लड्डू ग्वालियर क़े  बूँदी  के लड्डू के दीवाने थें  अटल बिहारी वाजपेई 

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ग्वालियर की पहचान बन गया है बूंदी का यह लड्डू ग्वालियर क़े  बूँदी  के लड्डू के दीवाने थें  अटल बिहारी वाजपेई 
नाम पड़ा पासपोर्ट पीएम 

 भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई बचपन से ही खाने की खूब शौकीन थे खासतौर पर उन्हें मीठा बहुत पसंद था राजनीति जीवन में दिल्ली आने के पहले ग्वालियर में रहने के दौरान वह एक मिठाई की दुकान के लड्डू खाने अक्सर जाया करते थे आज भी वह दुकान उनकी यादों को समेटे हुए है

 भारत क़े  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई अपनी भाषा के लिए भी जाने जाते थे उनकी कविता हो या उनका भाषण हमेशा ऐसी भाषा और शब्दों का उपयोग करते थे जो हर किसी क़े  दिल को छू जाती थी ऐसा कहा जाता है कि इसका राज ग्वालियर स्थित बहादुरा  स्वीट्स की दुकान में छुपा हुआ है पूर्व प्रधानमंत्री यहां के लड्डू क़े  बेहद दीवाने  थें  इसे  ग्वालियर की शान कहा जाता है और इसकी मिठास दूर-दूर तक मशहूर है

 ऐसा कहा जाता है की अटल बिहारी वाजपेई कविताओं की जितने  शौकीन थें  उतने ही लजीज खाने की भी और यही वजह है कि ग्वालियर की बूँदी  के लड्डू खास तौर पर उन्हें बेहद पसंद थें  और ग्वालियर में भी उन्हें कंपू चौराहा  स्थित बहादुरा स्वीट्स की बूँदी के लड्डू बहुत  पसंद आते थे


 क्या विशेषता है ग्वालियर की बहादुरा  स्वीट्स की 

 बाहर से आने वाले व्यक्ति भले ही यह अनुमान लगाए कि जिस दुकान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई लड्डू खाने जाते थे शायद वह बहुत लग्जरी और आलीशान बनी होगी लेकिन यकीन मानिए ऐसा नहीं है यह दुकान वर्षों से आज भी ऐसी ही बनी हुई है इसकी रुतबे में कोई बदलाव नहीं आया है कहा जाता है कि इसकी मिठास और खुशबू ही इसकी पहचान है 

 दुकान के ऊपर एक पुराना और सामान्य सा बोर्ड लगा हुआ है दुकान के बाहर मिट्टी के बने तंदूर उसके ऊपर एक बड़ी सी कढ़ाई और उसमें बूंदी बनाता हवाई दुकान के अंदर का नजारा भी सामान्य है फर्श पर बूंदी के थाल  रखे हुए हैं यहां पर लड्डू बनाने में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है

 101 साल पुरानी है यह लड्डू की दुकान 
 
अपने स्वाद के लिए अलग पहचान बनाने वाली ग्वालियर की कंपू चौराहा की यह लड्डू की दुकान 100 वर्ष से भी अधिक पुरानी है इसलिए इसको  शहर की शान माना जाता है शहर की कई दिग्गज हस्तियां आज भी यहां क़े  मिठास क़े  दीवाने  है  दुकान मालिक की माने तो उनके लड्डू आज भी विदेश तक मशहूर हैं और जो भी व्यक्ति ग्वालियर से विदेश यात्रा पर जाता है तो वह यहां के लड्डू अवश्यक लेकर जाता है उन्ही  में से एक थें  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई.....

 बहादुरा स्वीट्स के मालिक का कहना है कि अटल जी को यहां के लड्डू बेहद पसंद थें  वह यहां अक्सर आया करते थे और बूंदी के लड्डू का स्वाद लिया करते थे अटल जी जब तक इस शहर में रहे तब तक कम से कम ढाई सौ ग्राम लड्डू जरूर खाते  थे

 पासपोर्ट टू पीएम 

 ग्वालियर के लड्डू की एक खास कहानी है पूर्व प्रधानमंत्री को मीठा खाने का बहुत शौक था यहां के लड्डू क़े  बेहद दीवाने थे भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद शहर का कोई भी व्यक्ति जब उनसे मिलने जाता था तो उनके पास यहां के लड्डू को लेकर जरूर जाता था और यही वजह है कि एक  इंग्लिश न्यूज़पेपर ने  इसे  लोगों के लिए पासपोर्ट टु पीएम तक कह दिया इसके बाद से यह बेहद लोकप्रिय हो गये 

 जब  अटल बिहारी वाजपेई यहां लड्डू खाने आते थे उस समय इसका भाव 4 से 6 रु प्रति किलो हुआ करता था जो कि आज ₹500 किलो अदर स्टेट के लिए ₹600 हो गया है  बेसन के लिए वह दाल का चुनाव खुद ही करते हैं और बेसन घर पर ही तैयार किया जाता है मिठाई बनाने  में देसी घी का उपयोग किया जाता है शुद्धता और गुणवत्ता से इन्होंने कभी समझौता नहीं किया लोगों को स्वादिष्ट और सेहतमंद चीज खिलाने के लिए ही लोगों का उन पर सालों से भरोसा बना हुआ है लड्डू बनाने में यह कभी क्वालिटी से समझौता नहीं करते।

 

सुयश शर्मा प्राइम  न्यूज़ ग्वालियर 

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