कर्तव्य भवन में मंत्रालयों के स्थानांतरित हो जाने के बाद, ऐतिहासिक नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को एक नई भूमिका दी जाएगी।
दिल्ली के जनपथ पर स्थित कर्तव्य भवन भारत सरकार के प्रशासनिक ढांचे का नया केंद्र बनने जा रहा है। अत्याधुनिक तकनीकों और पर्यावरण-संवेदनशील निर्माण से सुसज्जित यह इमारत भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
क्या है खास कर्तव्य भवन में?
यह भवन 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें बेसमेंट के दो स्तर और ग्राउंड फ्लोर समेत कुल 10 मंजिलें हैं। भवन में 600 गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा है, जिससे मंत्रालयों और अधिकारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। इसमें 24 बड़े कॉन्फ्रेंस रूम और 26 छोटे कॉन्फ्रेंस रूम बनाए गए हैं ताकि बैठकें और नीति-निर्धारण प्रभावी ढंग से हो सकें। यह पूरी तरह आईटी-सक्षम कार्यस्थल है, जिसमें स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, कमांड सेंटर, और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
पर्यावरण के प्रति संवेदनशील निर्माण
कर्तव्य भवन को पर्यावरण के अनुकूल बनाते हुए कई कदम उठाए गए हैं:
अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग और ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली।
सोलर पैनल, सौर वॉटर हीटर, और ऊर्जा बचाने वाली एलईडी लाइटें।
स्मार्ट लिफ्टें और स्वचालित सेंसर, जो ऊर्जा की खपत को 30% तक कम करते हैं।
खास कांच की खिड़कियां जो गर्मी से बचाव और ध्वनि प्रदूषण को कम करती हैं।
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक का नया रूप
कर्तव्य भवन में मंत्रालयों के स्थानांतरित हो जाने के बाद, ऐतिहासिक नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को एक नई भूमिका दी जाएगी। अब ये दोनों इमारतें बनेंगी 'युगे युगीन भारत म्यूजियम' एक ऐसा संग्रहालय जो भारत की हजारों वर्षों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक यात्रा को प्रदर्शित करेगा। इसमें महाभारत काल से लेकर आज़ाद भारत तक की कहानी को जीवंत रूप में दर्शाया जाएगा। संग्रहालय में किसी भी प्रकार का संरचनात्मक बदलाव नहीं किया जाएगा, जिससे मूल विरासत सुरक्षित बनी रहे। कर्तव्य भवन न केवल प्रशासनिक कार्यों के लिए एक नया केंद्र है, बल्कि यह आधुनिकता, सतत विकास और सांस्कृतिक विरासत का संगम भी है।