रायपुर, छत्तीसगढ़ में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार को नई दिशा देने के लिए आज एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। राजधानी रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में राज्य सरकार, आईआईएम रायपुर, एनआईटी रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के बीच 172 करोड़ रुपये के त्रिपक्षीय एमओयू पर सहमति बनी।
इस साझेदारी के तहत रायपुर में श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह केंद्र सिर्फ आईआईएम और एनआईटी के छात्रों के लिए नहीं, बल्कि गांव-गांव के युवाओं तक अवसर पहुंचाएगा।
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हाई-टेक और ग्लोबल पहलें: आईआईएम रायपुर में 6 इंटरनेशनल MBA प्रोग्राम : अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की टॉप यूनिवर्सिटीज़ के साथ। एनआईटी रायपुर में रिसर्च – AI, रोबोटिक्स, IoT, ब्लॉकचेन, क्लीन एनर्जी।इसका लक्ष्य: 2030 तक रखा गया है। जिसमें 10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 250+ स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करना होगा और 5,000+ नौकरियां सृजित करना है।
किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र
फाउंडेशन के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने घोषणा की कि रायपुर में किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में विकास की अपार संभावनाएं हैं और हमारा फाउंडेशन इस यात्रा में पूरी तरह समर्पित है।
नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री विष्णुदेव सात ने कहा कि अब लक्ष्य यह है कि छत्तीसगढ़ संसाधन-आधारित नहीं, बल्कि नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करे। उन्होंने सेमीकंडक्टर, AI, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में राज्य की तेज़ प्रगति का भी उल्लेख किया।