उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से तबाही, सीएम धा.मी ने राहत कार्यों की कमान संभाली. SDRF-सेना अलर्ट, वायुसेना के हेलीकॉप्टर तैनात
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने (Cloudburst) और भारी वर्षा के चलते भयंकर प्राकृतिक आपदा आई है। इस आपदा ने धराली और आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। कई घर, दुकानें और सड़कें मलबे के ढेर में तब्दील हो गईं। गंगोत्री हाईवे का लगभग 150 मीटर हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया है, जिससे धराली का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना आंध्र प्रदेश दौरा तत्काल रद्द कर सीधे देहरादून स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष पहुँचकर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री धामी ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, सेना, SDRF और NDRF के प्रतिनिधियों के साथ आपातकालीन बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर अंजाम दिया जाए और हर प्रभावित व्यक्ति तक सहायता पहुँचाई जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मेडिकल कैंप्स और अस्थायी राहत शिविर स्थापित कर दिए गए हैं। साथ ही प्रभावितों के लिए भोजन, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
गंगोत्री हाईवे का 150 मीटर हिस्सा ध्वस्त, धराली का मुख्यालय से संपर्क कटा
भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को भी अलर्ट मोड में रखा गया है ताकि आपात स्थिति में हवाई मार्ग से राहत कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा सके। भारी बारिश और सड़कें ध्वस्त हो जाने के कारण राहत सामग्री और फोर्स को स्थल मार्ग से भेजना मुश्किल हो गया है, ऐसे में एयरलिफ्टिंग की तैयारी की जा रही है।
राज्य सरकार ने आपदा राहत कार्यों के लिए SDRF को 20 करोड़ रुपये की आपात निधि भी जारी कर दी है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने भी विशेष अधिकारियों की तैनाती कर राहत सामग्री के समुचित वितरण की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा है कि सरकार प्रत्येक प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और किसी भी व्यक्ति को राहत सामग्री की कमी नहीं होने दी जाएगी।
धराली की यह आपदा राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, लेकिन सरकार, सेना और आपदा राहत एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं।
वरिष्ठ पत्रकार: रजनीश