आईएएस नहीं बनना चाहते थे सुहास
सुहास एल यथिराज का हालांकि पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया है। उन्हें सोमवार को बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएल4 फाइनल में फ्रांस के दिग्गज खिलाड़ी लुकास माजुर के हाथों 9-21, 13-21 से शिकस्त का सामना करना पड़ा है। सुहास एल यथिराज ने लगातार दूसरे पैरालंपिक में स्वर्ण पदक से संतोष करना पड़ा है। इससे पहले 41 साल के सुहास को टोक्यो पैरालंपिक में भी में माजुर के खिलाफ स्वर्ण पदक के मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था।
उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं सुहास एल यथिराज
आपको बात दें भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एल यथिराज उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक के रूप में कार्यरत सुहास एल यथिराज गौतम बुद्ध नगर और प्रयागराज के भी डीएम की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। उनका जन्म कर्नाटक के शिगोमा में हुआ था।
आईएएस नहीं बनना चाहते थे सुहास
जन्म से ही दिव्यांग (पैर में दिक्कत) सुहास का सपना आईएएस बनने का नहीं था। वह बचपन से ही खेल के प्रति काफी दिलचस्पी रखते थे। इसके लिए उन्हें पिता और परिवार का पूरा समर्थन मिला था। साल 2005 में पिता की मृत्यु के बाद सिविल सर्विस ज्वाइन करने की योजना बनाई थी।
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