उत्तराखंड परिवहन निगम ने यात्रियों की कमी और बसों की अनुपलब्धता के कारण दून-अमृतसर वोल्वो बस सेवा अस्थायी रूप से बंद की। मांग बढ़ने पर सेवा दोबारा शुरू हो सकती है।
देहरादून: सिख समुदाय की विशेष मांग पर उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा शुरू की गई दून-अमृतसर वोल्वो बस सेवा महज साढ़े तीन महीने बाद बंद कर दी गई है। यह सेवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 14 अप्रैल को आरंभ की गई थी, लेकिन अब यात्रियों की कमी और बसों की उपलब्धता के संकट के चलते निगम ने इसे शुक्रवार से स्थगित कर दिया।
गौरतलब है कि इससे पहले परिवहन निगम दून-टनकपुर वोल्वो सेवा को भी बंद कर चुका है, जो पिछले डेढ़ साल से संचालित हो रही थी। सूत्रों के अनुसार, निगम के पास सीमित वोल्वो बसें हैं और घाटे में चल रही सेवाओं को प्राथमिकता से हटाया जा रहा है।
स्वर्ण मंदिर के दर्शन और वाघा बॉर्डर की यात्रा का प्रमुख विकल्प
दून-अमृतसर वोल्वो सेवा विशेष रूप से स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने और वाघा बॉर्डर की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए शुरू की गई थी। इस सेवा से पहले देहरादून से अमृतसर तक केवल लाहौरी एक्सप्रेस नामक एकमात्र सीधी रेल सेवा थी, जो 12 घंटे का लंबा समय लेती है। वहीं, वोल्वो बस यह दूरी सिर्फ साढ़े 10 घंटे में तय कर रही थी, जिससे यात्रियों को बड़ा फायदा मिल रहा था।
यह बस सेवा देहरादून से सहारनपुर, अंबाला, लुधियाना और जालंधर होते हुए अमृतसर तक जाती थी। दून से यह प्रतिदिन सुबह 10 बजे रवाना होती थी और अमृतसर से वापसी सुबह 5 बजे होती थी।
यात्रियों की कमी और बसों की अनुपलब्धता बनी वजह
परिवहन निगम के अनुसार, बस में अपेक्षित संख्या में यात्री नहीं मिल रहे थे, जिससे निगम को निरंतर घाटा हो रहा था। साथ ही, वोल्वो बसों की सीमित संख्या के कारण अन्य लाभकारी रूटों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि निगम के पास वोल्वो बसों की संख्या घटने लगी है, जिससे घाटे वाले रूटों को धीरे-धीरे बंद किया जा रहा है।
क्या फिर से शुरू होगी सेवा?
फिलहाल परिवहन निगम की ओर से सेवा को अस्थायी रूप से बंद किया गया है, लेकिन मांग बढ़ने पर या वोल्वो बसों की संख्या में इजाफा होने पर भविष्य में इसे दोबारा शुरू किया जा सकता है। इस निर्णय से श्रद्धालुओं और अमृतसर जाने वाले नियमित यात्रियों में निराशा देखी जा रही है।